टोंक। सआदत जिला अस्पताल में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अथिति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव (अपर जिला न्यायाधीश) दिनेश जलथूरिया ने कहा कि नशे के कारण मनुष्य के शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक, व्यवसायिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं, ऐसे में जो भी व्यक्ति नशा करता है, वह जितना जल्दी हो सके अपनी नशे की आदत छोड़ दें। यदि आपको किसी प्रकार के नशे की लत छोड़नी है तो सबसे पहले इसके लिए आप खुद अपनी इच्छाशक्ति को जागृत करें और अपने निर्णय पर दृढ़ बने रहें एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ से सम्पर्क करें। काउंसलिंग एवं उचित दवाइयों के माध्यम से सभी प्रकार के नशीली पदार्थों को छोड़ा जा सकता है। नशे के कारण अपराध, भ्रष्टाचार में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. हनुमान प्रसाद बैरवा ने बताया कि सआदत अस्पताल में सभी प्रकार के नशे जैसे स्मैक, डोडा पोस्त, अफीम, हेरोइन, ब्राउन शुगर, चिट्टा, भांग, गांजा, चरस, शराब, कोकेन, बीडी, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, खैनी, कैफीन, थिनर, ट्रमाडोल कैप्सूल, ऐवील इंजेक्शन, नींद की गोलियां आदि का इलाज एवं परामर्श दिया जाता है।
मनोरोग एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ डा. योगेश कुमार ने बताया कि 2019 में एम्स नई दिल्ली के द्वारा की गई रिसर्च में भारत में लगभग 4 करोड़ लोग विभिन्न प्रकार के नशो के आदी हैं, जिनमें 28 लाख ओपीयम (डोडा, पोस्त, अफीम, स्मैक), नशा संबंधित समस्याओं से बचने के लिये नशा मुक्ति विशेषज्ञ से सलाह लें। 7-8 घंटे की नींद लें, नियमित व्यायाम करें, पौश्टिक आहार लें, परिवार एवं मित्रों के साथ समय व्यतीत करें एवं सकारात्मक सोच रखें। भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर की हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 14416 पर मनोरोग, नशामुक्ति संबंधित परामर्श ले सकते हैं। डा. अली जीशान हामिद, डा. रोहित संडेलवाल, डॉ. मो. ईमरान को मनोचिकित्सा क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपनियंत्रक डॉ. चेतन जैन, डा. हेमंत कुमार, मनोज मीणा, ईमरान खान, सत्यनारायण शर्मा, महेश करणावत, सुनीता सोयल हरिवंश बैरवा, गोविंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।