सीएमएचओ डॉ0 गोस्वामी ने चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर दिये जिले की गर्भवती महिलाओं को अधिकाधिक संख्या में लाभ पहुंचाने के निर्देश
भीलवाड़ा। प्रत्येक माह के चौथे गुरुवार को मनाए जाने वाले प्रसूति नियोजन दिवस के दौरान चिकित्सकों द्वारा सुरक्षित प्रसव के लिए प्रभावी प्रसव योजना बनाकर प्रसूता परिजनों को सूचित करने तथा जिले की प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिले के सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूति नियोजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सुवाणा व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सांगानेर में आयोजित एमसीएचएन दिवस का तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र, कोदूकोटा में प्रसूति नियोजन दिवस का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएमएचओ डॉ0 सीपी गोस्वामी ने चिकित्सा संस्थानों की साफ-सफाई का निरीक्षण कर आमजन को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेकर अधिकाधिक जरूरतमंद लोगों व गर्भवती महिलाओं को लाभ पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों व कार्मिकों को दिये। निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक योगेश वैष्णव उपस्थित रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी ने बताया कि प्रायः देखा गया है कि कई गर्भवती महिलाएं या तो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती हैं या प्रसव के लिए उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधा का चयन नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण उन्हें विशेषज्ञ सेवाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रसूति नियोजन दिवस (पीएनडी) शुरू किया जा रहा है। अभियान के संबंध में सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सेक्टर प्रभारी, पीएचसी प्रभारी को व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर उप स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाए जाने वाले प्रसूति नियोजन दिवस की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए जिससे की अधिकाधिक गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति हो सके। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं की गुणवत्ता युक्त जांच व प्रसव के दौरान होने वाले जोखिम के कारणों का पता लगाकर निदान कर मातृ मृत्यु और शिशु को होने वाली बीमारियों से बचाव के टीके लगाकर शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
सीएमएचओ डॉ0 गोस्वामी ने बताया कि ग्राम स्तर पर मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य और पोषण (एमसीएचएन) सेवाओं की पहुंच में सुधार करने के लिए, राज्य में प्रत्येक गुरुवार को आंगनबाडी, पीएचसी/सीएचसी/सब सेन्टरर्स पर एमसीएचएन दिवस एवं प्रत्येक माह के चौथे गुरूवार को समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीएनडी निर्धारित किया गया है। इस दौरान प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी), पूरक पोषण, परामर्श और रेफरल जैसी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती महिलाओं को जमीनी स्तर पर प्रदान की जाती हैं। इस दिन एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने समुदाय को ये सेवाएं प्रदान करने के लिए सहयोग करते हैं। आशा द्वारा बनाई गई लाभार्थी सूची के आधार पर, स्थानीय एएनएम अपने क्षेत्र के लिए एक प्लान तैयार करती है। आशा समुदाय को इकट्ठा करती है जबकि एएनएम टीकाकरण करती है और कुपोषण को दूर करती है। सभी बच्चों का वजन एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है और उन्हें स्वस्थ या कुपोषित के रूप में पहचाना जाता है। टीकाकरण के अलावा, एएनएम गर्भवती महिलाओं की शारीरिक जांच करती है जिसमें ऊंचाई, वजन की जांच करना और हीमोग्लोबिन काउंट, ब्लड प्रेशर, शुगर की जांच करना और मूत्र परीक्षण करना आदि शामिल है।