शिक्षक संघ (सियाराम) के जिला स्तरीय शिक्षक सम्मेलन में विभिन्न शैक्षणिक मुद्दों पर हुई चर्चा
गुरला:- भीलवाड़ा जनगणना पशु गणना,चुनाव कार्य विभिन्न प्रकार के सर्वे जैसे कई कार्य शिक्षकों से करवाने से शिक्षण कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए शिक्षकों से शिक्षण के अलावा दूसरा कोई कार्य नहीं करवाया जाए।यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता व भीलवाड़ा शहर के पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुभाषनगर भीलवाड़ा में आयोजित राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के दो दिवसीय जिला स्तरीय शिक्षक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। संगठन के जिला मंत्री महेश मंडोवरा ने बताया कि सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने की।विशिष्ट अतिथि भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री मुरलीधर जोशी,प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमशंकर जोशी, प्रदेश संयुक्त महिला मंत्री भारती झा, प्रदेश कार्यालय मंत्री अजय कुमार जैन,प्रधानाचार्य उर्मिला जोशी थे।प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने उपस्थित शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में विद्यार्थियों को शिष्टाचार,संस्कार व नैतिकता की विशेष शिक्षा देने की आवश्यकता है,इसके लिए सभी को बेहतर प्रयास करने चाहिए। उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित खुले अधिवेशन में शिक्षकों के विभिन्न केडर की विगत वर्षों की बकाया डीपीसी करने, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी कर स्थानांतरण करने,स्टाफिंग पैटर्न व शिक्षक समानीकरण,अधिशेष शिक्षकों का समायोजन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा कर सरकार से मांग की गई। सम्मेलन में संगठन के 25 सूत्रीय मांग पत्र पर भी चर्चा की गई।सभी संवर्ग के शिक्षकों को केंद्र के शिक्षकों के समान सातवां वेतनमान देते हुए समस्त प्रकार की वेतन विसंगतियों को दूर करना, ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत सभी शिक्षकों को मूल वेतन का 10% ग्रामीण भत्ता देना, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता एवं प्रधानाचार्य को संपूर्ण सेवाकाल में कुल चार ए.सी.पी. परिलाभ 7 – 14 – 21 – 28 वर्ष पूर्ण करने पर देना, शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु स्थाई व पारदर्शी नीति बनाकर टी. एस. पी. व प्रतिबंध जिला शब्द हटाना, साथ ही तृतीय वेतन श्रंखला अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण करना,पी ई ई ओ के अतिरिक्त कार्यभार को देखते हुए 10% मानदेय हार्ड ड्यूटी एलाउंस के रूप में देना, शारीरिक शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों एवं प्रयोगशाला सहायकों की नियमित डीपीसी करना, प्रत्येक विद्यालय में एक कंप्यूटर शिक्षक अनिवार्य रूप से लगाना, नवनियुक्त शिक्षकों का परिवीक्षाकाल एक वर्ष ही रखकर परिवीक्षाकाल में नियमित वेतन देना, प्रत्येक विद्यालय में सहायक कर्मचारियों के पद सृजित कर लगभग 25 वर्षों से बंद सहायक कर्मचारियों की भर्ती आरंभ करना आदि मांगे संगठन के मांग पत्र में शामिल है।
सम्मेलन में शैक्षिक सत्र 2024 – 25 में सेवानिवृत हुए और होने वाले शिक्षकों का संगठन द्वारा मेवाड़ी पगड़ी व उपरना पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनन्दन किया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमशंकर जोशी ने संगठन की रीति नीति एवं विचारधारा को विस्तार से समझाते हुए शिक्षकों को जागरूक रहकर पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करने को प्रेरित किया।संगठन के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा शिक्षकों से दो दिवसीय शिक्षक सम्मेलन में उपस्थित रहकर विभिन्न शैक्षिक मुद्दों व समस्याओं पर होने वाली चर्चा में भाग लेने की अपील की है। खुले अधिवेशन में हुई चर्चा में शिवराज झंवर, अनिल आसोपा, राजीव पिल्लई, मुकेश शर्मा ,रमेश जोशी, विनोद शर्मा, नारायण विश्नोई, राधेश्याम सुथार, आदि ने भाग लिया।