करौली। जिले के सबसे बड़े पांचना बांध का आगामी दो साल में कायाकल्प होगा। बांध निर्माण के बाद दो दशक की अवधि में बड़े स्तर पर बांध पर मरम्मत के कार्य होंगे। जिन पर 12 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। जल संसाधन विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर संबंधित फर्म को कार्यादेश भी जारी किए जा चुके हैं। अगले सप्ताह कार्य भी शुरू हो जाएंगे। टेंडर शर्तों के अनुसार नवम्बर 2026 तक कार्य पूरे होने हैं। पांचना बांध का निर्माण कार्य वर्ष 2005 में पूरा हुआ था। बांध की कुल भराव क्षमता 258.62 मीटर है। बांध में कुल 7 गेट हैं।
सभी 7 गेटों की होगी मरम्मत
जल संसाधन विभाग के अनुसार एलएनए इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम टेंडर हुआ है और कार्यादेश भी जारी कर दिए हैं। 12 करोड़ 11 लाख से अधिक की राशि इस टेंडर में बांध के सभी 7 गेटों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा स्टॉप लॉग गेट और सुरक्षा दीवार की भी मरम्मत शामिल है। जल संसाधन विभाग के अनुसार विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा और सुरक्षा परियोजना (डीआरआईपी) अन्तर्गत बांध के विभिन्न प्रकार के सुरक्षात्मक और आधुनिकीकरण के कार्य शामिल किए। इसमें बांध की गैलरी का सुरक्षात्मक कार्य कराने के साथ बांध क्षेत्र में सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके अलावा पूरे बांध क्षेत्र में बिजली का कार्य होगा। वहीं हाईमास्ट लाइट की रोशनी से बांध चमकेगा। इसके अलावा जल निकासी छेदों की सफाई कराने के साथ पम्प सेट जनरेटर स्थापित किए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे बांध क्षेत्र में तारबंदी भी कराई जाएगी। रेडियल गेटों का विशेष रखरखाव कार्य होगा। बांध स्थल पर घाटों का निर्माण और विकास कार्य कराया जाएगा।
संवरेगा रेस्ट हाउस, बनेगी सर्विस रोड
कार्य के अन्तर्गत पांचना बांध की सर्विस रोड बनाई जाएगी। इसके अलावा बांध पर स्थित रेस्ट हाउस की भी मरम्मत होगी। रेस्ट हाउस से नीचे बांध से नई सीढ़ियों का निर्माण होगा।
पहले तीन बार निरस्त हो चुके टेंडर
पांचना बांध विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा परियोजना में शामिल है। बांध पर कार्यों को लेकर जल संसाधन विभाग की ओर से पूर्व में तीन बार टेंडर किए गए थे, जो निरस्त हो गए। जिसके चलते लम्बे समय से पांचना बांध पर विकास कार्य अटके पड़े हैं। जल संसाधन विभाग के जयपुर मुख्यालय की ओर से पांचना बांध के कार्यों को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल में तीन बार टेंडर किए गए, लेकिन तीनों निरस्त हो गए। पहले तकनीकी बिड तकनीकी कारणों से निविदा निरस्त हो गई। इसके बाद दूसरी बार आमंत्रित की गई निविदा के दौरान सफल निविदाता की दर अनुमानित राशि से अधिक होने के कारण निरस्त करनी पड़ी, जबकि तीसरी बार के टेंडर में किसी भी फर्म ने निविदा के प्रति रुचि नहीं दशाई। ऐसे में फिर से निविदा निरस्त करनी पड़ी थी। इसके बाद अब चौथी बार में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो सकी है। करौली के जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि पांचना बांध को विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा और सुधार परियोजना में शामिल किया है। केन्द्रीय जल आयोग से इसका अनुमोदन हो चुका है। आधुनिकीकरण के विकास कार्यों के लिए 12 करोड़ से अधिक के टेंडर हो चुके हैं। संबंधित फर्म को कार्यादेश भी दे दिए गए हैं। दो वर्ष में सभी कार्य पूरे होंगे। इससे पहले तीन बार टेंडर निरस्त हो गए थे।