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November 22, 2024 4:31 pm


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बाप विधायक बोले- समरावता में पुलिस की एकतरफा कार्रवाई : कलेक्टर-एसपी को सस्पेंड करने और अधिकारियों-कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज करने की मांग

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

टोंक। देवली-उनियारा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा समेत पीड़ित ग्रामीणों के समर्थन में अब भारत आदिवासी पार्टी भी उतरी है। सोमवार रात को राजस्थान और मध्यप्रदेश के 3 विधायक समरावता पहुंचे और लोगों के दुख दर्द जाने। इन विधायकों ने गांव वालों और नरेश मीणा पर की गई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को एकतरफा कार्रवाई बताया है। साथ ही मौजूद सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों के खिलाफ SC—ST की धारा समेत अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज कर इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। मध्यप्रदेश के सेलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि समरावता में पुलिस की कार्रवाई से लोग बर्बाद हो गए। उन्हे घरों में घुसकर मारा है। वाहनों को तोड़ा और आग के हवाले किया। इसके लिए कलेक्टर, एसपी, SDM समेत सभी मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज हो। दोषियों को बर्खास्त किया जाए। MLA ने कहा कि यह मानवता तार तार हुई हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर मानवाधिकार आयोग एवं अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजेंगे और विधानसभा, संसद में समरावता के लोगों की आवाज बुलंद करेंगे। बीती रात को भारत आदिवासी पार्टी के 3 विधायक (थावरचंद डामोर, जयकृष्ण पटेल, कमलेश्वर डोडियार), पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई रोत, जितेंद्र मीणा और हंसराज धांध्या समरावता गांव पहुंचे। इस दौरान समरावता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया और ग्रामीण जनों के दुःख-दर्द को सुना।

यह रखी बाप नेताओं ने प्रमुख मांग

बाप पार्टी के समर्थक अर्जुन महर ने अपने फेसबुक अकाउंट बाप पार्टी के नेताओं की मांग को सार्वजनिक करते हुए लिखा है कि समरावता गांव के लोगों को 50 करोड़ का मुआवजा दिया जाए, समरावता गांव का उपखंड और तहसील मुख्यालय उनियारा किया जाए, समरावता गांव में हिंसा के जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए, SDM,DM,SP को सस्पेंड किया जाए, सभी फर्जी केस वापस लिए जाए और नरेश मीणा सहित सभी युवाओं को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए, पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की जाए।

यह था घटनाक्रम

13 नवंबर को मतदान के दिन निर्दलीय नरेश मीणा ने मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों के जबरन वोट दिलाने के मामले को लेकर SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दी थी। उसके बार फिर वह धरने पर जा बैठा। उसी रात करीब पौने 10 बजे पुलिस ने नरेश को अपने कब्जे में लिया। इसको लेकर पुलिस और नरेश समर्थक आमने-सामने हो गए। इस दौरान कुछ देर में ही नरेश मीणा पुलिस से छूटकर फिर धरने पर आ गया। उसके बाद फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी। हवाई फायर की, आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस बीच नरेश मीणा को लोग धरना स्थल से उठाकर अन्य जगह ले गए। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रात को ही 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया था दूसरे दिन 14 नवंबर को सुबह करीब सवा 9 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचा और लोगों से घर-घर जाकर उनके हाल चाल जाने और वापस धरने पर बैठ गया। जहां करीब सवा 11 बजे भारी पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा और उसे गिरफ्तार कर लिया। फिर 15 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को वीसी के जरिये निवाई कोर्ट में पेश किया। जहां से जेल भेज दिया। उसके बाद नरेश मीणा की रिहाई को लेकर पूर्वी राजस्थान, हाड़ौती और जयपुर आदि जगह शांति पूर्वक धरना, प्रदर्शन हो रहे है ।

Author: JITESH PRAJAPAT

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