Explore

Search
Close this search box.

Search

December 2, 2024 4:08 pm


लेटेस्ट न्यूज़

जयपुर से टीम पहुंची झुंझुनूं : बीडीके अस्पताल में की जांच, जिंदा युवक का कर दिया था पोस्टमार्टम, चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर बनी थी टीम

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

झुंझुनूं। राजकीय भगवान दास खेतान (बीडीके) अस्पताल में जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर पोस्टमार्टम करने के मामले में मंगलवार को उच्च स्तरीय टीम राजकीय बीडीके अस्पताल आई। टीम करीब 5 से 6 घंटे अस्पताल रही। जांच पड़ताल कर पूछताछ की। घटना के दौरान डयूटी पर मौजूद डॉक्टर व कर्मचारियों से पूछताछ भी की, उनके बयान भी लिए। टीम ने मोर्च्यूरी का निरीक्षण किया। बता दे कि मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले मंदबुद्धि युवक रोहिताश (25) की 21 नवबंर की दोपहर को तबीयत बिगड़ गई थी। उसे बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पोस्टमार्टम के लिए बॉडी का मॉर्च्युरी में रखवाया दिया था। इसके बाद पुलिस को बुलाकर पंचनामा बनाया गया और शव को एंबुलेंस की मदद से श्मशान घाट ले गए थे।

यहां रोहिताश की बॉडी को चिता पर रखा तो उसकी सांस चलने लगी और शरीर हिलने लगी थी। यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग डर गए थे। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को अस्पताल लाया गया था।

कुछ घंटों के बाद युवक को गंभीर हालात में जयपुर रेफर कर दिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में जिला कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया था। युवक की पहचान झुंझुनूं पुलिस के लाइन के पास रहने वाले बीरबल (22) पुत्र मांगीलाल जोधपुरिया की रूप में हुई थी। वह मानसिक रूप से विमंदित था। उसके पिता मांगीलाल का निधन हो चुका है। मां देखभाल करती थी।

जनवरी 2024 में बीरबल घर से निकल गया था। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। उसका कोई पता नहीं चल पाया था। 28 सितंबर को बगड थाना पुलिस ने उसे आदर्श नगर स्थित विमंदित पुनर्वास केंद्र में छोडा था। तब से वह पुनर्वास केंद्र में ही रह रहा था। मामले सामने आने के बाद उसके भाइयों ने अन्य रिश्तेदारों ने पहचान की थी। इस मामले में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने चिकित्सा विभाग के निदेशक को उच्चस्तरीय समिति बनाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद चार लोगों की हाई लेवल कमेटी गठित की गई थी। टीम में संयुक्त निदेशक डॉ. नरोत्तम शर्मा, कावंटिया अस्पताल जयपुर के मेडिकल जूरिस्ट डॉ. अजय श्रीवास्तव, प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. हिम्मत सिंह और डॉ. धीरज वर्मा थे।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर