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December 19, 2024 5:16 am


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सभी दलों में ऐसे लोग जो भाषा नियंत्रित नहीं रखते : सचिन पायलट बोले — ओछे शब्द बोलना हमारे देश की परंपरा नहीं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

टोंक। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि देश-प्रदेश में लगभग सभी दलों में ऐसे लोग है जो छपने या उकसाने के लिए भाषा नियंत्रित नहीं रखते है। मुझे इसका बहुत दुख होता है। पायलट ने कहा कि सैद्धांतिक, वैचारिक, राजनैतिक रूप से विरोध करे। भाषा, आचरण अच्छा होना चाहिए।

पायलट ने नाम लिए बिना बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल पर राजनीतिक रूप से हमला बोलते हुए कहा कि व्यक्तिगत टिका टिप्पणी, ओछे शब्द बोलना हमारे देश की परंपरा नहीं है। पब्लिक लाइफ और राजनीति में हमे सब देखते है, हमारा आचरण, हमारी भाषा, हमारी कार्य प्रणाली, ये ऐसी होनी चाहिए कि हम सबको गर्व हो।

यह बात पायलट ने टोंक जिले के चिमनपुरा गांव में बुधवार की रात विश्राम करने के बाद गुरुवार सुबह लोगों से बातचीत के दौरान कही।

गांव में बिताई रात, दलित के घर खाया खाना

बुधवार को अपनी विधानसभा क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा गांवों का दौरा करने के बाद चिमनपुरा गांव में रात हो गई। इस दौरान गांव के किसान रतनलाल बैरवा ने खाना खाने और रात्रि विश्राम यही करने का आग्रह किया। इस पर पायलट ने हामी भर दी। उसके बाद उन्हे साग, हरी मिर्ची की सब्जी और मालपुवा परोसा गया। पायलट ने बड़ी आत्मीयता से खाना खाया और फिर रतनलाल बैरवा के घर ही सो गए।

लोगों के हालचाल जाने

गुरुवार सुबह उठकर लोगों से रामा-श्यामा कर लोगों के हालचाल जाने। लोगों के साथ बड़ा घेरा बनाकर अलावा तापा। इस दौरान महिलाओं ने गीत गाकर उनका स्वागत किया। पायलट ने मिनी फूड पार्क का निरीक्षण भी किया। दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरीप्रसाद बैरवा, एडवोकेट मूलचंद बैरवा आदि मौजूद थे।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से जुड़ाव रखना चाहिए

पायलट ने कहा कि पब्लिक लाइफ में सत्ता, विपक्ष, हार-जीत, ये होती रहती है, लेकिन आप जनता के बीच में रहते है, उनसे जुड़ाव रखते है तो उसका अलग महत्व होता है और मुझे लगता है कि लंबा जिन लोगों को पब्लिक लाइफ में रहना है, जड़े मजबूत रखनी है तो उन्हे लोगों को जुड़ाव रखना चाहिए। ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से। उनके सुख-दुख का भागीदार बनेंगे तो एक अटूट संबंध होता है। जिस परिवार से मैं आता हूं, मेरे दादाजी, पिताजी बहुत सीमित आर्थिक दायरे से निकले है। मेरे पिताजी ने कहा कि आप कुछ भी बन जाओ, लेकिन जड़ो को नहीं भूलना चाहिए। लोगों से एक संबंध बनाए रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि मेहनत करो, जनता से जुड़े रहे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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