झुंझुनूं। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के रिटायर्ड सेवानिवृत्त सहायक निदेशक जगदीश प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। उन पर 62 लाख रुपए से अधिक का लोन लेकर फर्जी तरीके से जमा करने और सरकारी राशि के गबन के आरोप हैं। कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें जयपुर से गिरफ्तार किया। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की संयुक्त निदेशक योगबाला सुंडा ने 3 दिसंबर 2024 को कोतवाली पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि जगदीश प्रसाद शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 62 लाख रुपए का लोन लिया और इसे फर्जी तरीके से जमा दिखाकर अपना बीमा क्लेम भी उठा लिया। झुंझुनूं कोतवाली थाना पुलिस ने जांच की। कई दिनों तक आरोपी की तलाश की और आखिर जयपुर से गिरफ्तार किया। कोतवाल हरजिंद्र सिंह के सुपरविजन में पुलिस टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
गिरफ्तार आरोपी जगदीश प्रसाद शर्मा झुंझुनूं से सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए। वे अक्टूबर 2022 में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में सहायक निदेशक के पद पर नियुक्त हुए। 31 जुलाई 2023 को झुंझुनूं से सेवानिवृत्त हो गए। जांच में यह भी सामने आया कि लोन पहले ही ले रखा था, लेकिन सेवानिवृत्ति से पहले कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से इसे जमा कर अपना बीमा क्लेम उठा लिया। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जगदीश प्रसाद ने सरकारी धन का गबन करने के लिए सुनियोजित तरीके से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। अपने पद और प्रभाव का गलत फायदा उठाकर बैंक व विभागीय प्रक्रियाओं को गुमराह किया। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को जब इस वित्तीय अनियमितता की जानकारी मिली, तो उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू करवाई। जांच के बाद जब यह स्पष्ट हुआ कि लोन और बीमा क्लेम के दस्तावेज फर्जी थे तो दिसंबर 2024 में एफआईआर दर्ज करवाई गई। मामले में पुलिस अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी ने पहले भी किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता की है या नहीं।