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April 20, 2025 10:59 am


निजी कॉलेज संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज : तीन बार अलग-अलग यूनिवर्सिटी-इंस्टिट्यूट से डिप्लोमा का दिया था झांसा, हकीकत में उनमें वो कोर्स ही नहीं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जोधपुर। जिले के कमला नगर हॉस्पिटल के पीछे स्थित एक निजी कॉलेज के संचालक के खिलाफ देवनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। एक स्टूडेंट ने कॉलेज संचालक पर तीन बार अलग-अलग यूनिवर्सिटी-इंस्टिट्यूट से डिप्लोमा कराने का झांसा देकर रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। इस स्टूडेंट का कहना है कि जिन-जिस यूनिवर्सिटी-इंस्टिट्यूट का नाम लिया गया था, हकीकत में उन तीनों में वो कोर्स ही नहीं कराया जाता है। देवनगर थाने में बावड़ी के खारी कलां निवासी हेमंत जाट पुत्र रूपाराम द्वारा कोर्ट में पेश इस्तगासा के आधार पर दर्ज एफआईआर के अनुसार – उसने अक्टूबर 2024 में कमला नगर हॉस्पिटल के पीछे स्थित इनफेम कॉलेज के संचालक फरखान से ग्राफिक्स डिप्लोमा में प्रवेश के लिए संपर्क किया था। यहां कॉलेज की मैनेजर भावना ने हेमंत को बताया कि आपको ग्लोबल यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा कराया जाएगा। एक साल के इस कोर्स की फीस 52 हजार रुपए है। फीस पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट दिया जाएगा।

तब परिवादी ने 9 अक्टूबर 2024 को एडमिशन के लिए 21 हजार 300 रुपए ऑनलाइन भुगतान कर दिया। कॉलेज ने इसकी रसीद भी दी। इसके बाद दो सेमेस्टर की फीस के नाम पर 1500-1500 रुपए लिए गए। इनमें एक सेमेस्टर की फीस जमा करवाने पर मिली रसीद को परिवादी ने देखा, तो वो ग्लोबल यूनिवर्सिटी की बजाय इनफेम कॉलेज के नाम की थी। हेमंत ने जब इस बारे में पूछा, तो बताया गया कि ग्लोबल यूनिवर्सिटी की रसीद बाद में दे देंगे, लेकिन बार-बार कहने पर भी उसे रसीद नहीं दी गई। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने उस पर 15 हजार रुपए की बकाया फीस देने का दबाव बनाया, तो परिवादी ने 30 जनवरी 2025 को यह राशि भी ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। इस दौरान भी हेमंत ने कॉलेज से ग्लोबल यूनिवर्सिटी के एनरोलमेंट नंबर व स्टूडेंट आईडी देने के लिए कहा, तो लेकिन उन्होंने अपने कॉलेज के नाम की रसीद थमा दी।

इनफेम कॉलेज में टालमटोल का रवैया देख परिवादी को संदेह हुआ। तब उसने ग्लोबल यूनिवर्सिटी से संपर्क करके पूछा कि ग्राफिक्स डिप्लोमा का कोर्स करवाते हो क्या? और आपकी कॉलेज इनफेम कॉलेज से एफिलियेट है क्या? तब उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया की हमारी ग्लोबल यूनिवर्सिटी से कोई एफिलियेट संस्था नहीं है और न ही ऐसा कोई ग्राफिक्स डिप्लोमा का कोर्स करवाया जाता है।

जब हेमंत ने वापस इनफेम कॉलेज में बात करके बताया कि ग्लोबल यूनिवर्सिटी से न तो आप एफिलियेट हैं और न ही वहां से ऐसा कोई कोर्स है। तब इनफेम कॉलेज से उसे बताया गया कि आपको केरियर पाइंट यूनिवर्सिटी कोटा से डिप्लोमा कराएंगे। परिवादी ने इसके बारे में भी छानबीन की, तो पता चला कि कैरियर पाइंट यूनिवर्सिटी से भी ऐसा कोई डिप्लोमा नहीं करवाते हैं।

इस पर हेमंत ने दुबारा कॉलेज में संपर्क किया, तो उसे इनफेम कॉलेज द्वारा वॉट्सएप पर एक प्रवेश पत्र भेजा गया, जिसमें कैरियर पाइंट कोचिंग कोटा के नाम का था। साथ ही बताया गया कि यह यूनिवर्सिटी का एडमिशन कार्ड है और वहीं से डिप्लोमा दिया जाएगा। हेमंत ने कैरियर पाइंट कोटा संपर्क किया, तो उसे बताया गया कि यहां यह कोर्स नहीं कराया जाता है। परेशान हेमंत ने दुबारा इनफेम कॉलेज से संपर्क करके ग्लोबल और कैरियर पाइंट में यह कोर्स नहीं होने की बात बताई, तो कॉलेज वालों ने कहा कि हमने तो आपको यूनिवर्सिटी का बोला ही नहीं था। तब परिवादी ने पूर्व में हुई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग भेजी, जिसमें यूनिवर्सिटी के डिप्लोमा कोर्स की बात कही गई थी, तो कॉलेज प्रशासन ने कहा कि यह तो जुबां फिसल (slip of tongue) गई थी। अब देवनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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